HOW TO DO VASHIKARAN-KAISE HOTA HAI FOR DUMMIES

how to do vashikaran-kaise hota hai for Dummies

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शायद आपको पता होगा कि यह ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है? क्या आपने आकाशगंगाओं की तस्वीरें देखी हैं? शालिग्राम में सदा विस्तृत होते ब्रह्मांड का एक प्रतीक प्राकृतिक रूप से अंकित होता है। योगी कभी-कभार शालिग्राम को तोड़कर वह प्रतीक लोगों को दिखाते थे। वह पत्थर का बहुत शक्तिशाली टुकड़ा होता है। यदि लोगों को पता हो कि उसका इस्तेमाल कैसे किया जाए, तो उसका बहुत चमत्कारिक असर होता है।

दोस्तों आज की पोस्ट यक्षिणी साधना आपको कैसी लगी हमें जरूर बताए.

इस साधना के द्वारा अपने पसंद के व्यक्ति से विवाह किया जाता है.

उसकी वासनाएं जागने लगती है और साधना के अंतिम पल में वो हार जाता है.

ध्यानलिंग के प्रवेश द्वार के सामने वनश्री और पतंजलि मंजिर हैं। वे ध्यानलिंग से पंद्रह डिग्री कोण पर बने हैं। उन्हें इसीलिए उस जगह पर बनाया गया है। वरना, वास्तुशिल्प की दृष्टि से मैं उन्हें और करीब बनाना पसंद करता।

यन्त्र पर हीना और इत्र लगाए. लोबान की धूनी देकर निम्न मंत्र का जप करे

तो यहाँ सीधे दिव्यदर्शी से ये check here सब जानिये और लाभ पाईये।

एकाग्रचित से यक्षिणी का ध्यान करना : वैसे तो यक्षिणी की कोई मूरत नहीं लेकिन कल्पनाओ द्वारा इन्हें रूप दिया गया है.

परंतु जान ज्ञान और उत्सुकता के चलते इस तरह की जानकारी उपलब्ध करवाते रहते है और रहेंगे.

Be patient: Vashikaran is thought to work after a while. Be patient and allow the energies to Obviously manifest the desired effects.

चिंचीपिशाची यक्षिणी : स्वपन में कालज्ञान देने वाली यक्षिणी.

ये एक एक ख़ास प्रकार की विद्या है जिसके अंतर्गत मन्त्र शक्ति, ध्यान शक्ति, तंत्र शक्ति द्वारा किसी विशेष नारी या पुरुष के अन्दर अपने प्रति अच्छी भावनाए पैदा करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

वैदिक ज्योतिष के साथ ही उन्हें हस्त रेखा, अंक गणित, वास्तु आदि का भी ज्ञान है जिससे लोगो को बहुत लाभ मिलता है. कोई भी कुंडली में मौजूद कालसर्प योग, चंडाल योग, मांगलिक योग, रोगों का समाधान उनसे प्राप्त कर सकते हैं.

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